देहरादून, 15 नवंबर 2025। नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास, बनियावाला सहसपुर में आज जनजातीय गौरव दिवस अत्यंत उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। भारत सरकार द्वारा धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत यह भव्य आयोजन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने जनजातीय संस्कृति, विरासत, प्रकृति संरक्षण और राष्ट्र निर्माण के संदेश को ध्यान में रखते हुए शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। बच्चों के उत्साह ने पूरे परिसर को उत्सवमय बना दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन
(जनजातीय गौरव दिवस 2025 ) कार्यक्रम के दौरान सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन देखा। प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में भगवान बिरसा मुंडा के आदिवासी समुदाय के अधिकारों, जंगल–जल–जमीन की रक्षा तथा स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य योगदान का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों, प्रकृति और संस्कृति से जोड़ने का माध्यम है तथा यह दिन निरंतर प्रेरणा देता है कि हम समाज के कमजोर वर्गों के विकास के लिए सतत प्रयासरत रहें।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का प्रेरक संदेश
( जनजातीय गौरव दिवस 2025 ) कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा—
“विद्यार्थियों को जनजातीय महानायकों के जीवन से प्रेरणा लेकर कठोर परिश्रम करना चाहिए। शिक्षा ही वह माध्यम है जो समाज और राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करती है।”
डॉ. रावत ने बताया कि सरकार जनजातीय समुदायों की शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका से संबंधित अनेक कल्याणकारी योजनाएँ संचालित कर रही है, जिनका लाभ बच्चों और उनके परिवारों तक निरंतर पहुँच रहा है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य में 3 नए आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं—
-
देहरादून में ₹3.60 लाख
-
चमोली के माना-घिंघनरान में ₹3.60 लाख
-
उधम सिंह नगर के झनकटा में ₹3.35 लाख
इस दौरान उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस बनियावाला छात्रावास का लोकार्पण और राजकीय इंटर कॉलेज बनियावाला के नए भवन का शिलान्यास भी किया।
विद्यार्थियों के आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बच्चों की प्रस्तुतियाँ रही, जिनमें—
-
जनजातीय नृत्य
-
लोकगीत
-
नाटक
-
मॉडल प्रदर्शन
जैसे कार्यक्रम शामिल रहे।
पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, जनजातीय परंपराओं और बिरसा मुंडा के स्वतंत्रता संघर्ष को मंचन के माध्यम से अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शित किया गया। दर्शकों ने बच्चों की मेहनत और रचनात्मकता की सराहना की।
वरिष्ठ अधिकारियों के विचार
माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवं अपर राज्य परियोजना निदेशक (समग्र शिक्षा) डॉ. मुकुल कुमार सती ने कहा कि—
“धरती आबा बिरसा मुंडा केवल एक ऐतिहासिक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि साहस, स्वाभिमान और समाज सेवा की जीवंत प्रेरणा हैं। शिक्षा का अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर ने भी माननीय मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि सबसे अधिक छात्रावास उनके विधानसभा क्षेत्र में निर्मित होना एक सराहनीय उपलब्धि है।
इस अवसर पर विभाग के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें—
-
वंदना गर्ब्याल, निदेशक (अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण)
-
अजय कुमार नौडियाल, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा
-
अजीत भंडारी, उप राज्य परियोजना निदेशक
-
पल्लवी नैन, उप परियोजना निदेशक
-
आकांक्षा राठौड़, उप निदेशक SCERT
आदि अधिकारी शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. बी. पी. मैंदोली, स्टाफ ऑफिसर द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।
जनजातीय गौरव दिवस का यह आयोजन न केवल भगवान बिरसा मुंडा की अद्वितीय विरासत को स्मरण करने का अवसर था, बल्कि यह बच्चों को संस्कृति, पर्यावरण, परंपरा और शिक्षा के महत्व से जोड़ने का एक प्रभावी प्रयास भी रहा। देहरादून में आयोजित यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने वाला एक सफल और सार्थक आयोजन सिद्ध हुआ।
