देहरादून पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया है। इस ऑपरेशन के दौरान 03 नाबालिग बच्चियों को भी सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। पुलिस ने इन अभियुक्तों के खिलाफ कोतवाली पटेलनगर में मानव तस्करी का मामला दर्ज किया है। गिरोह के अन्य सदस्य इन बच्चियों को बेचने के इरादे से दिल्ली से देहरादून लाए थे।
घटना का विवरण:
09 अक्टूबर 2024 को चौकी आईएसबीटी, देहरादून को सूचना मिली कि तीन नाबालिग बच्चियां संदिग्ध अवस्था में आईएसबीटी क्षेत्र में घूम रही हैं। इन बच्चियों ने बताया कि कुछ लोग उन्हें पैसे और नौकरी का लालच देकर दिल्ली से देहरादून लाए थे। उन्हें देहरादून के एक फ्लैट में एक महिला और पुरुष के पास छोड़ा गया था। रात में बच्चियों ने इन दोनों को अन्य व्यक्तियों से बातचीत करते हुए सुना कि उन्हें 1,10,000 रुपए में बेचा जा रहा है। इससे घबराकर तीनों बच्चियां रात में फ्लैट की बालकनी से भाग निकलीं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई:
सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) और चाइल्ड लाइन की टीम को बुलाया। बच्चियों से पूछताछ के बाद, पटेलनगर पुलिस और AHTU की संयुक्त टीम ने पथरीबाग स्थित वेद सिटी कॉलोनी के एक फ्लैट में दबिश दी। यहां से एक महिला बाला (48 वर्ष) और पुरुष दिग्विजय सिंह (45 वर्ष) को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान इन दोनों ने बताया कि वे इन बच्चियों को गाजियाबाद निवासी अपने साथी पूनम और खुशी के साथ मिलकर बेचने की योजना बना रहे थे।
गिरफ्तार अभियुक्त:
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बाला पत्नी सतपाल यादव (48 वर्ष), निवासी वेद सिटी कॉलोनी, पथरीबाग, पटेलनगर।
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दिग्विजय सिंह पुत्र रामपाल शर्मा (45 वर्ष), निवासी मुस्तफापुर, नवादा, अमरोहा, उत्तर प्रदेश।