आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली और पंजाब फतह कर चुकी है। अब भारत के नक्शे को देखें, तो इन दोनों राज्यों के बीच आता है हरियाणा, जहां पार्टी लगातार विस्तार के प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक सफल नहीं हो सकी। खास बात है कि यह पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का गृहराज्य भी है। अब आप ने बुधवार को राज्य की पूरी इकाई को भंग करने का फैसला लिया है।
आप ने ऐलान किया है कि अप्रैल के अंत तक संगठन के नए ढांचे के साथ सामने आएगा। खबर है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने बताया है कि जनवरी 29-30 को होने वाली बैठकों के साथ नए ढांचे का काम शुरू हो जाएगा। कहा जा रहा है कि पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक बैठकों की अध्यक्षता कर सकते हैं।
हरियाणा में नवंबर 2022 में हुए निकाय चुनाव में आप दूसरे स्थान पर रही थी। खास बात है कि उस दौरान कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी ने अपने पार्टी चिह्नों पर उम्मीदवार नहीं उतारे थे। वहीं, हाल ही में हुए आदमपुर उपचुनाव में पार्टी की जमानत जब्त हो गई थी।
साल 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में जेजेपी के साथ उतरी आप ने 90 में से 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से अधिकांश उम्मीदवार 1 हजार वोट भी हासिल नहीं कर सके और जमानत जब्त करा बैठे। बाद में यह गठबंधन टूटा और जेजेपी ने भाजपा का दामन थामा और राज्य में सरकार में शामिल हो गई।