उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रहने वाले हजारों बस्तीवासी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने सपनों का घर पाने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। नगर निगम के अनुसार, 40 हजार से अधिक बस्तीवासियों को इस योजना के तहत नए घर दिए जाएंगे। नगर निगम ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को यह जानकारी दी है कि 2016 से पहले नदियों के किनारे किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त कर इन लोगों को पुनर्वासित किया जा रहा है। अब तक 11 हजार से अधिक लोगों ने अपने नए घरों के लिए आवेदन किया है।
अतिक्रमण हटाने और पुनर्वास का अभियान
देहरादून की रिस्पना और बिंदाल जैसी प्रमुख नदियों के किनारे साल 2016 से पहले बसे अतिक्रमणों पर NGT ने नगर निगम से रिपोर्ट मांगी थी। इसके जवाब में नगर निगम ने बताया कि अधिकांश अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं और वहां के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुनर्वासित किया जाएगा। फिलहाल, नगर निगम को अगले सप्ताह तक इस मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करना है, जिसमें वे सभी 129 मलिन बस्तियों के पुनर्वास का प्रस्ताव रख सकते हैं।
पुनर्वास में चुनौतियाँ
हालांकि, देहरादून में इस योजना के तहत अब तक बहुत कम प्रगति हो पाई है। 2016 से पहले चिह्नित 129 बस्तियों में करीब 40 हजार घर हैं, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अभी तक मात्र 1000 घर भी नहीं बनाए जा सके हैं। वहीं, निगम के पास 11 हजार से अधिक आवेदन पहले ही आ चुके हैं, जिससे पुनर्वास कार्य में समय लगने की संभावना जताई जा रही है।
एनजीटी की सख्ती और निगम की रणनीति
एनजीटी ने रिस्पना नदी के किनारे 2016 के बाद हुए अतिक्रमणों का भी सर्वे कराया था, जिसमें 524 अतिक्रमण पाए गए। नगर निगम ने इनमें से आधे से अधिक अतिक्रमण हटा दिए और रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी। इसके बाद, एनजीटी ने इन अतिक्रमण हटाने के बाद बेघर हुए परिवारों के पुनर्वास के बारे में सवाल किया, जिसका उत्तर नगर निगम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देने का दावा किया।
मुख्य सचिव का निर्देश
उत्तराखंड के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी राज्य को स्लम फ्री बनाने के लिए एक बैठक की। उन्होंने मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के निर्देश दिए और पुनर्वास योजना पर तेजी से काम करने की बात कही। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और राज्य की अन्य योजनाओं का लाभ उठाते हुए इस दिशा में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
देहरादून में बनाए गए घरों की स्थिति
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देहरादून में कुछ स्थानों पर नए घर बनाने का काम चल रहा है। ब्रह्मपुरी, काठबंगला, खाला बस्ती, राम मंदिर कुष्ठ आश्रम, और शांति कुष्ठ आश्रम जैसे क्षेत्रों में कई फ्लैट प्रस्तावित थे। लेकिन इनमें से अधिकांश घर अभी भी निर्माणाधीन हैं या उनका आवंटन नहीं हो पाया है।
देहरादून के बस्तीवासियों के लिए यह योजना उम्मीद की किरण है, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या यह योजना समय पर और व्यापक रूप से लागू हो पाती है या नहीं।