सर्किल रेट के आधार पर जमीनों को मुआवजा तय करने के फार्मूले पर जोशीमठ (Joshimath) के स्थानीय लोग सहमत नहीं है। पुनर्वास पैकेज को तय करने के लिए गठित कमेटी के सदस्यों ने भी इस प्रस्ताव पर असहमति जताई है। उनका कहना है कि प्रत्येक आपदा प्रभावित व्यक्ति को उसकी प्रति नाली 40 से 45 लाख रुपये दिया जाना चाहिए। इस क्षेत्र में सर्किल रेट काफी कम है। वह अपर्याप्त होगा।
शुक्रवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि कमेटी की तीन दौर की बैठकें हुई हैं। सभी में सख्ती से सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा तय करने के प्रस्ताव का विरोध किया गया है। सरकार यहां के प्रत्येक प्रभावित परिवार के लिए मुआवजे के लिए अलग से मानक तय करे।
पंवार ने कहा कि भवनों का सीडीपीडब्लूडी के रेट के आधार पर मुआवजा देने पर तो सहमति बन गई है। लेकिन भूमि के मुआवजे पर तस्वीर बिलकुल साफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित लोगों की जड़े जोशीमठ से जुड़ी है। दशकों से लोक यहां रह रहे हैं। सर्किल रेट बहुत ही कम है। प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति को कम से कम 40 लाख रुपये प्रति नाली के मिलने ही चाहिएं।