माघ मास की शुक्ल पक्ष की अचला सप्तमी को रथ सप्तमी यानी सूर्य भगवान की विशेष पूजा का विधान है। सभी सप्तमी तिथियों में यह तिथि श्रेष्ठ मानी जाती है। हिंदू धर्म में अचला सप्तमी का खास महत्व है। इसे रथ अरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सात जन्म के पाप को दूर करने के लिए रथारूढ़ सूर्यनारायण की पूजा की जाती है। इस दिन सूर्य भगवान की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है। खास तौर पर इस दिन तांबे के पात्र में चावन दान करने का विशेष विधान है। यह पर्व इस साल 28 जनवरी को मनाया जाएगा। 28 जनवरी को रथ सप्तमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक है।
रथ सप्तमी का दिन पृथ्वी पर साक्षात रुप से उपस्थित भगवान सूर्य का दिन है। पौराणिक कथाओं के अनुसार आज के दिन सूर्य की उपासना और दान पुण्य करने से पूरे साल का फल प्राप्त होता है। ऊर्जा का एकमात्र श्रोत भगवान सूर्य भक्तों को मान सम्मान,आरोग्य समर्पित करते हैं,और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।